ड्रीम 11 रियल मनी गेमिंग से समेट रहा काराबोरा! तो क्या टीम इंडिया एशिया कप में बिना स्पांसर के खेलेगी
क्रिकेट मैच में पिच रिपोर्ट बाद में आ जाती थी और लोग ड्रीम 11 एप खोल अपनी टीम बनाना पहले शुरु कर देते थे। महज कुछ रुपये लगाइए और लाखों ,करोड़ों जीतने की दौड़ में शामिल हो जाइए। ड्रीम 11 अकेला नहीं है, बल्कि ऐसे दर्जनों एप हैं। भले ही इन एप्स में आपके क्रिकट ज्ञान और स्किल का भी इस्तेमाल होता है, लेकिन इनमें सीधा पैसा या रियल मनी शामिल तो है ही और स्किल के साथ-साथ चांस भी एक सीमा तक शामिल है। लेकिन, गुरुवार को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के पेश होने के बाद इन रियल मनी गेमिंग एप (RMG) पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मीडिया की कुछ खबरों की मानें तो भारत के सबसे बड़े फैंटेसी स्पोर्टस और रियल मनी गेमिंग एप ड्रीम 11 सीधे पैसे के खेल वाला कारोबार समेटने जा रहा है।
बाकी सब हलचलें अपनी जगह हैं, लेकिन अभी जो सबसे बड़ी बात यह है कि ड्रीम 11 अभी टीम इंडिया की मुख्य स्पांसर है। भारतीय टीम के खिलाड़ियों की जर्सी पर आप बड़ा-बड़ा ड्रीम 11 दिखता है। लेकिन, अगर इस खबर में दम हुआ कि ड्रीम 11 रियल मनी सेगमेंट का अपना कारोबार समेट रही है।
बल्कि यूं कहा जाए कि देर-सवेर उसे फैंटेसी रियल मनी गेमिंग बंद ही करना ही पड़ेगा। तो इस खबर का एक असर यह भी हो सकता है कि ड्रीम 11 अपनी स्पांसरशिप से पीछे हट जाए। इसका आर्थिक पहलू भी हो सकता है क्योंकि ड्रीम 11 के कारोबार का 60 फीसद से ज्यादा राजस्व ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग और फैंटेसी गेमिंग से आता है। दूसरा कारण, राजनीतिक भी हो सकता है कि सरकार आनलाइन पैसे के लेनदेन वाले गेमिंग पर अपने कड़े रूख के चलते अब यह संकेत न देना चाहे कि ऐसे एप्स पर वह जरा भी नरमी दिखाएगी। ऐसे में ड्रीम 11 को स्पांसरशिप से बाहर किया जा सकता है। ऐसे में ये या कोई अन्य कारण भी हुआ तो सवाल उठता है कि क्या इस बार एशिया कप में टीम इंडिया की जर्सी पर कोई स्पांसर नहीं होगा। या बीसीसीआई झटपट किसी दूसरे स्पांसर का इंतजाम करेगा। इन सब बातों के कई कानूनी पहलू है लेकिन एक बात तो जन्मी ही है कि क्या एशिया कप में इस बार भारतीय खिलाड़ियों की जर्सी पर कोई लोगो नहीं होगा।
कभी खेलों में सट्टेबाजी को लीगल करने की बात होती थी, अब रियल मनी गेमिंग से तौबा
खेलों की लोकप्रियता मुसीबत भी लाती है। एक समय क्रिकेट सट्टेबाजी और फिक्सिंग की ऐसी गिरफ्त में आया था कि चर्चा यह होने लगी थी कि कम से कम सट्टेबाजी को खेलों में वैध कर देना चाहिए। ब्रिटेन जैसे देशो में खेल पर सट्टा वैध है। फिक्सिंग से क्रिकेट जैसे तैसे उबरा, लेकिन सट्टेबाजी की क्रिकेट में एक सामांतर दुनिया है। तमाम तरीकों, ऐप्स से क्रिकेट पर सट्टे का खेल होता है। और तमाम धरपकड़ और सख्ती के बाद भी यह रूकने का नाम नहीं ले रही है। लेकिन, अभी यह बहस चल ही रही थी कि ऑनलाइन तकनीक ने नए किस्म के सट्टों को जन्म दे दिया। और हमारे बड़े –बड़े क्रिकेट और सिनेमा के सितारे भी इनके प्रचार में जुट गए। सट्टे की बहस अंतहीन है , इसका कोई ओर-छोर नहीं है। लेकिन, तभी रियल मनी गेमिंग और फैंटेसी क्रिकेट ने नई लोकप्रियता हासिल कर ली। हालांकि, रियल मनी गेमिंग और सट्टे में थोड़ा फर्क है। रियल मनी गेमिंग में पैसों का लेन-देन होता है, लेकिन इसमें थोड़ी स्किल और नॉलेज भी लगता है। लेकिन, फिर भी एक सीमा के बाद ये भी एक चांस और लाटरी बन जाता है। पाते कुछ हैं और गंवाते बहतु हैं।
क्रिकेट की अर्थव्यवस्था में नई ताकत बन गई थी रियल मनी गेमिंग
ड्रीम 11 टीम इंडिया की स्पांसर थी , इससे उसकी ताकत का अंदाजा लगता है। ड्रीम 11 के पूरे कारोबार का 67 फीसद हिस्सा रियल मनी गेमिंग यानी पैसे देकर टीम बनाने और जीतने से आने वाले कारोबार से चलता है। हर्षित जैन और भावित सेठ द्वारा स्थापित इस फैंटेसी गेमिंग ने अपार लोकप्रियता हासिल की थी और महेंद्र सिंह धोनी जैसे सुपर स्टार ड्रीम 11 के ब्रांड एंबेस़डर हैं। भारत में सिर्फ ड्रीम 11 ही नहीं , एमपीएल और माय टीम जैसे सैंकड़ों एप है जिनकी कमाई का 86 फीसद हिस्सा रियल मनी गेमिंग से आता है। एक अनुमान के मुताबिक , 45 से 50 करोड़ लोग इन एप्स का इस्तेमाल करते हैं। सरकार का तर्क है कि इन ऐप्स के इस्तेमाल से लत लगने और पैसे गंवाने का ज्यादातर खतरा किशोरों में हैं , ऐसे में इस पर रोक जरूरी है।
खैर, सवाल इस बात से उठा कि ड्रीम 11 के संकट में पड़ने से क्या टीम इंडिया बिना स्पांसर के हो जाएगी? हालांकि, इस सवाल का जवाब यही है कि बीसीसीआई इस बात में भी सक्षम है कि टीम इंडिया एशिया कप में बिना स्पांसर के खेल ले और इस बात में भी वह दूसरा स्पांसर खोज लें। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि आनलाइन गेमिंग के जिस स्वरूप को लेकर सरकार चिंतित है , वह कहीं अलग स्वरूप लेकर न आ जाए और बड़े स्तर पर इस पर कानूनी रोक के बाद स्थानीय स्तर पर यह सट्टेबाजी की तरह कोई अवैध रास्ता न खोज ले।