चला क्रिकेटर हीरो बनने : क्या आपने सुनील गावस्कर को फिल्म में नाचते देखा है ?
कहानी उन क्रिकेटर्स की जिन्होंने एक्टिंग में भी हाथ आजमाया
यह कहानी सिर्फ़ खेल की नहीं है। यह कहानी है जुनून, लोकप्रियता और एक अद्वितीय आकर्षण की। जहाँ हर गेंद पर लाखों साँसें थम जाती हैं; वहीं दूसरी तरफ, जहाँ हर सीन पर तालियाँ बजती हैं। आज बात उनकी जो क्रिकेट के मैदान से निकले तो सिनेमा के रुपहले पर्दे को पार किया। क्रिकेट और सिनेमा के इस अनोखे संगम के साक्षी ऐसे ऐसे नाम हैं जो भारत में क्रिकेट का प्रतीक हैं। सुनील गावस्कर, कपिल देव….और भी बहुत से नाम हैं। जिन्होंने बल्ला- गेंद छोड़ा तो कैमरा के सामने जा खड़े हुए। क्रीज़ छोड़कर सेट पर फ्रंटफुट पर खेला।
1970s – 1980s सलीम दुर्रानी ने शुरु किया सिलसिला
चला क्रिकेटर एक्टर बनने की शुरुआत की थी सलीम दुर्रानी ने। स्टायलिश बल्लेबाजी और छक्के मारने की अपनी अनोखी अदा के लिए मशहूर सलीम दुर्रानी क्रिकेट की दुनिया में जाना पहचाना नाम थे।। 1973 में आ हिंदी फिल्म ‘चरित्र’ में वे मुख्य अभिनेता बनकर आए। उन्हें पहला क्रिकेटर माना जाता है। जिन्होंने क्रिकेट खेलते- खेलते ही 70 एमएम के पर्दे पर भी मुख्य भूमिका निभाई। क्रिकेट और सिनेमा के ग्लैमर की यह मुलाकात मिसाल बन गई और फिर सिलसिला शुरु हो गया।
गावस्कर ने भी खेली फिल्मी पारी
वेस्ट इंडियन पेस बैटरी के छक्के छुडा देने वाले लिटिल मास्टर के पास क्रिकेट में क्या नहीं था। लेकिन वे भी रूपहले पर्दे के आकर्षण से न बचे। 1980 में मराठी फिल्म ‘सावली प्रेमाची’ में अभिनय किया, और बाद में हिंदी फिल्म ‘मालामाल’ में एक कैमियो भी किया। 1988 में आई यह फिल्म पुरानी पीढी को याद होगी, नसीरुद्दीन शाह और मंदाकिनी वाली मालामाल।

संदीप पाटिल: विश्व कप का हीरो बना फिल्मी हीरो
1983 की क्रिकेट विश्व कप जीत भारतीय क्रिकेट का बहुत अहम मोड़ थी। इस टीम के खिलाड़ी पूरे देश के हीरो थे। इन्हीं में थे हीरो जैसी शक्ल सूरत वाले संदीप पाटिल। तो वो भी बाइस्कोप के ग्लैमर से न बचे और 1985 में उन्होंने फिल्म ‘कभी अजनबी में काम किया।
सैयद किरमानी : विकेट कीपिगं से विलेन तक
दिलचस्प बात यह भी कि इस फिल्म में उनके साथी और विकेटकीपर सैयद किरमानी ने भी अपनी एक्टिंग का शौक पूरा किया। पाटिल ने हीरो की भूमिका की और किरमानी ने विलेन की। यह सिनेमा के प्रोड्यूर्स की कोशिश थी कि क्रिकेट की लोकप्रियता को सिनेमा में भुना लिया जाए और क्रिकेटर्स अपनी लोकप्रियता को एक नए करियर में ढालना चाहते थे।
फिर आया ग्लोबलाइजेशन का दौर
90 के दश्क में भारत में उदारीकरण की शुरुआत हो चुकी थी। यह विज्ञापन और उपभोक्ता वाद का दौर था। क्रिसी भी तरह के ब्रांड और इमेज को कैश करने का दौर। क्रिकेटर्स बड़ी तादाद में विज्ञापन में आने लगे और सिनेमा में क्रिकेट का दखल और बढ़ गया।
क्रिकेटर्स से अभिनेता बनने वालों के बारे में आपने सुना ही। लेकिन ज्यादातर बड़े क्रिकेटर्स सिर्फ एकाध फिल्म में ही आए और फिर वापस क्रिकेट या किसी और काम धँधे में लग गए। लेकिन, अब बात उस नाम की जिसे क्रिकेट की दुनिया से अभिनय में आने वाला और उसमें लगातार काम करने वाला सबसे बड़ा नाम कहा जा सकता है। इस क्रिकेटर का डेब्यू क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के साथ हुआ था और एक समय उनके बारे में संभावना थी कि उस समय के भारत के सबसे तेज गेंदबाज हैं।
क्रिकेट में तो नहीं लेकिन, सबसे सफल रहे सलिल अंकोला
हम बात कर रहे हैं सलिल अंकोला की। लेकिन, नियति को कुछ और मंजूर था। चोट के कारण अंकोला का क्रिकेट करियर बिखरा। वे टीम से बाहर हुए। बाद में उन्होंने अभिनय का रास्ता पकड़ा। चुरा लिया है तुमने और कुरुक्षेत्र जैसी फिल्मों में वो नजर आए। उन्हें छोटे छोटे रोल मिले , लेकिन कई फिल्मों में रहे। और सिनेमा टेलीविजन इंडस्ट्री ने उन्हें उनकी टूटी शादी, एल्कोहल की लत से उबारने में मदद की। टीवी के कई सीरियलों में वे लगातार छोटे पर्दे पर नजर आए। और उनके सिनेमा और टेलीविजन के सीरियल्स की सूची काफी लंबी है।
सचिन के दोस्त कांबली का फिल्मी सफर
सचिन के ही समकालीन और उनके दोस्त विनोद कांबली को तो माडलिंग और सिनेमा का ग्लैमर शुरुआत से ही लुभाता था। तो क्रिकेटर्स के एक्टिंग के चालू ट्रेंड में उनका नाम आना तो पक्का ही था। विनोद कांबली ने भी ‘अनर्थ’ और ‘पल-पल दिल के साथ’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया।
लवर ब्वाय जड़ेजा भी बड़े पर्दे पर उतरे
90 के दशक में अपने बिखरे बालों और चुस्त फील्डिंग के सहारे भारतीय क्रिकेट के लवर ब्वाय अजय जड़ेजा भी फिल्मों में चले ही आए। यहां ज्यादा चले वे भले नहीं। 2003 में उन्होंने ‘खेल’ जैसी फिल्म से बड़े पर्दे पर एंट्री ली। इसमें उनके साथ सनी देओल और सुनील शेट्टी जैसे स्टार कलाकार थे। अजय जड़ेजा ने कुछ और फिल्मों में भी काम किया। लेकिन फिर छोड़ दिया और कोचिंग और क्रिकेट कमेंटरी में लौट आए।
कपिल पा जी का मुझसे शादी करोगे वाला कैमियो
भारतीय क्रिकेट में ट्रेंड की बात हो और कपिल पा जी का नाम न आए, ऐसा कैसा हो सकता है। कपिल देव ने वैसे फिल्मों में अभिनय तो नहीं किया। लेकिन, इस विश्व विजेता कप्तान ‘इक़बाल’ और ‘मुझसे शादी करोगी’ में अपने ही किरदार में कई यादगार कैमियो किए। यानी कुछ देर का रोल, लेकिन फिल्म के पब्लिसिटी वालों ने कपिल पा जी के इन कैमियो को खूब कैश किया।
थप्पड़ कांड वाले श्रीसंत और हरभजन भी बड़े पर्दे पर उतरे
अपनी गेंदबाजी से कम,अपने विवादों के लिए ज्यादा चर्चा में रहे तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत ने हिंदी फिल्म ‘अक्सर 2’ के साथ-साथ मलयालम फिल्म ‘टीम 5’ में अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा। अब श्रीसंत की बात चली है तो ‘टर्बनेटर’ हरभजन सिंह की बात आ जाए। उनका और श्रीसंत का थप्पड़ विवाद आप जानते ही होंगे। तो श्रीसत को थप्पड़ जड़ने वाले श्रीसंत ने ने तमिल फिल्म ‘फ्रेंडशिप’ में एक्टिंग कर दी। यानी श्रींसत और हरभजन की टक्कर सिनेमा में भी जारी है।
इरफान का जबरदस्त अभिनय , आलोचकों ने भी सराहा
फिलहाल क्रिकेट से सिनेमा में आए लोगों में सबसे चर्चित नाम – इरफान पठान का। बाएं हाथ के इस स्विंग बालर और कभी कभी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने वाले इरफान ने तमिल सुपरस्टार विक्रम के साथ फिल्म ‘कोबरा’ में एक दमदार भूमिका निभाई है।
शिखर धवन की डबल एक्सएकल
मजे की बात यह है कि सिने क्रिटिक ने भी इनका अभिनय सराहा। अपने ओपनर रहे गब्बर यानी शिखर धवन की इंस्टारील आप देखते ही होंगे। उन्होंने भी एक फिल्म कर डाली है। डबल एक्सएल। सिर्फ भारत ही नहीं, दूसरे देशों के क्रिकेटर्स में भी सिनेमा का आकर्षण कम नहीं है। पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहिसन खान ,जिन्होंने 1992 की फिल्म साथी में एक्टिंग की। जी जैकी श्राफ वाली साथी। आप मे से कुछ लोगों ने देखी ही होगी। बाद में उन्होंने अभिनेत्री रीना राय से शादी भी की। अपनी बॉलिंग से दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान करने वाले ब्रेट ली ने एक्टिंग में हाथ आजमाया।
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